भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि बिहार में उद्योग- धंधे बंद होने का गुनाहगार राजद- कांग्रेस की सरकार है, आजादी के बाद जो भी उद्योग- धंधे खुले उनकी दुर्गति कांग्रेस की सरकार के समय से ही प्रारंभ हो गई थी, जो कुछ बचा था राजद शासनकाल ने समाप्त कर दिया। पिछले 30 वर्षों से कांग्रेस बिहार में अपनी जमीन तलाश रही है लेकिन नेता विहीन हो चुके कांग्रेस का कमान भी राजद के हाथों में हीं है। लालू- राबड़ी शासनकाल जिसके सहयोगी कांग्रेस था, के कारण बिहार पूरी तरह बदहाल हो गया। राज्य बटवारे के बाद खनिज-संपदा, वनो-उपज ,कल- कारखाने सभी झारखंड के साथ चले गए ,शेष बिहार को केवल बाढ़- सुखाड़ मिला। छोटे-छोटे उद्योग धंधे भी राजद- कांग्रेस ने पूरी तरह ध्वस्त कर रखा था। बरौनी खाद कारखाना चीनी मिलें, जूट मिल ,काटी- बरौनी थर्मल सहित सैकड़ों कल कारखाने बंद पड़े थे।
एनडीए सरकार बनने के बाद राज्य में आमूलचूल परिवर्तन हुआ, विद्युत उत्पादन ,सड़क ,स्वास्थ्य, शिक्षा सहित कानून व्यवस्था को दुरुस्त करना सरकार की चुनौती थी जिसे बखूबी पूरा किया गया। केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकार ने कृषि उत्पादन बढ़ाने के साथ लघु तथा कुटीर उद्योगों को स्थापित किए। विगत 35 वर्षों से बंद बरौनी खाद कारखाने को 7000 करोड़ से पुनर्स्थापित करने के साथ बरौनी तेल शोधक कारखाना क्षमता विस्तार 10,000 करोड़ से, राजगीर आयुध फैक्ट्री, नबीनगर औरंगाबाद तथा बाढ़ थर्मल पावर निर्माण ,बरौनी तथा कांटी थर्मल का विस्तार के साथ पचास हजार करोड़ से फोर लेन- सिक्स-लेन सड़कों के निर्माण के साथ दर्जनों गंगा नदी पर पुल निर्माण की स्वीकृति कांग्रेस को दिखाई नहीं पड़ रहा। केवल आरोपों से अपनी खोई हुई जमीन राजद के सहारे क्या कांग्रेस तलाश पाएगी ?